[15/07, 6:20 PM] MD SHAHALAM H: वक़्त नूर को बेनूर बना देता है!
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है!
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है!
Mdshahalam
[15/07, 6:24 PM] MD SHAHALAM H: दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं!
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ!
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब!
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं!
Mdshahalam
[16/07, 12:03 AM] MD SHAHALAM H: दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे!
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे!
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का!
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!
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