ईद मिलते ही शहीद कर जाते ,
चाहे हम उसके बाद मर जाते
घर तो किस्मत में अपने था ही नहीं
घर में रहने को किसके घर जाते....
देख लेते अगर ज़मीन का हाल,
आसमाँ टूट कर बिखर जाते....
चल दिए कैसे अच्छे अच्छे लोग,
ज़िंदा होते तो हम भी मर जाते....
मास्क पे लिख के हम मुबारकबाद ,
ईद को यादगार कर जाते ..............
S.ALAM
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