हर तरफ़ सिर्फ़ अँधेरा नहीं देखा जाता
रोज़ इस डर में इज़ाफ़ा नहीं देखा जाता ।
तू जो चाहे तो बुरा वक्त भी टल जायेगा
रात की कोख से सूरज भी निकल आयेगा ।
प्यार की अम्न की, हिम्मत की दवा दे मौला
हम गुनहगारों को थोडी तो, शिफ़ा दे मौला ।
बागबाँ अपने हर एक गुल की हिफ़ाज़त करना
हर घड़ी, बाग की, बुलबुल की हिफ़ाज़त करना
SHAह ALAम
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