उम्मीद की चिठ्ठी
20 अगस्त, 2022
कुछ शाम, इंतज़ार से ज्यादा लंबी होंगीं कुछ एहसास, दर्द से भी गहरे होगें कुछ रिश्ते, तनहाई से बढ़कर दर्द देंगें कुछ अपने, परायों से ज्यादा दूर होंगें कुछ रास्ते कभी मंजिल को नहीं जायेंगें
मगर, इन सबसे गुज़रते हुए तुम खोना मत अपना हौसला, अपनी उम्मीद क्योंकि
दुस्वारियों में पाली हुई कहानियाँ अँधेरी रातों में आगे बढ़ी हुई कहानियाँ दस्तावेज़ हैं उन जीतों का जो मन की घर को झुठलाती हैं जीवन ज़िद्दी है - बतलाती हैं
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