https://mdshahalam786.blogspot.com/

जो लोग हमें ताने देते हैं,

 जो लोग हमें ताने देते हैं, हमने तो बस चुप्पी साध ली है। बुराई में भी अच्छाई ढूँढते हैं, हमने तो सबको दुआ ही दी है। हम बुरे सही, मगर किसका द...

Wednesday, 28 April 2021

मुझे मेरे मुस्लिम होने पर नाज है तुझे तेरे हिन्दू होने पर नाज है

मुझे मेरे मुस्लिम होने पर नाज है 
तुझे तेरे हिन्दू होने पर नाज है 

लेकिन अल्लाह मेरा भी मुझ से नाराज है
और राम तेरा भी तुझसे नाराज है

गुनाह मैंने भी किए होंगे कभी
पाप तूने भी किए हों शायद कभी

इंसानियत को खोने की सजा 
शायद मालिक हमको दे रहा है

ना राम तूझे मंदिर में बुला रहा है 
ना खुदा मुझे मस्जिद में बुला रहा है

तो खता मेरी भी उतनी ही है
और गलती तेरी भी उतनी ही है

आ वक्त रहते संभल जाएं और..
इंसानियत के धर्म को अपना ले

मैं चाहे उसे अल्लाह कह लू
तू उसे भगवान कह ले
है तो सब एक ही

हिंदू मुस्लिम को छोड़कर 
चलो हम सब मिलकर
एक बने और नेक बने 
सिर्फ भारतीय प्रत्येक बने 

अब तू अपने राम को खुश कर 
मैँ अपने अल्लाह को मनाऊं 
इस संकट से मुक्त करो हे ईश्वर -अल्लाह
अवसर दे, मैँ फिर से इंसान बन जाऊं.

Dekh lete agar zameen ka haal

Dekh lete agar zameen ka haal,
Aasmaa.n toot kar bikhar jaate....

Chal diye kaise achhe achhe log,
Zindaa hote to hum bhi mar jaate....
SHAह ALAम

Wednesday, 21 April 2021

कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है

कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है
प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे
अल्लाह इबादत होती नहीं और रमज़ान गुज़र जाता है
SHAह ALAम

किसी का ईमान कभी रोशन ना होता

किसी का ईमान कभी रोशन ना होता
आगोश में मुसलमान के अगर कुरान ना होता
दुनिया ना समझ पाती कभी भूख और प्यास की कीमत
अगर 12 महीनों में 1 रमजान न होता
 SHAह ALAम

हर तरफ़ सिर्फ़ अँधेरा नहीं देखा जाता

हर तरफ़ सिर्फ़ अँधेरा नहीं देखा जाता
रोज़ इस डर में इज़ाफ़ा नहीं देखा जाता ।

तू जो चाहे तो बुरा वक्त भी टल जायेगा
रात की कोख से सूरज भी निकल आयेगा ।

प्यार की अम्न की, हिम्मत की दवा दे मौला
हम गुनहगारों को थोडी तो, शिफ़ा दे मौला ।

बागबाँ अपने हर एक गुल की हिफ़ाज़त करना
हर घड़ी, बाग की, बुलबुल की हिफ़ाज़त करना
SHAह  ALAम

Saturday, 17 April 2021

बेजुबान को जब वह जुबान देता है

बेजुबान को जब वह जुबान देता है
पढ़ने को फिर वह कुरान देता है
बक्सने आए जब उम्मत के गुनाहों को
तोहफे में गुनहगारों को रमजान देता है
SHAह ALAम