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जो लोग हमें ताने देते हैं,

 जो लोग हमें ताने देते हैं, हमने तो बस चुप्पी साध ली है। बुराई में भी अच्छाई ढूँढते हैं, हमने तो सबको दुआ ही दी है। हम बुरे सही, मगर किसका द...

Wednesday, 24 August 2022

मिलें हैं ज़ख्म इतने


मिलें हैं ज़ख्म इतने तो मोहब्बत छोड़ देंगे क्या 
मोहब्बत तो इबादत है इबादत छोड़ देंगे क्या.....

अभी जो दिल मिलाते हैं वही दिल भी जलाएंगे 
सियासी लोग हैं सारे सियासत छोड़ देंगे क्या.....

अगर राहें है तो पत्थर का होना भी जरूरी है
जरा सी बात की खातिर शराफत ठोड़ देंगे क्या...
MD SHAह ALAम

तुम्हारी जीत पर

“तुम्हारी जीत पर शाबासी देने वाले 'बहुत होगे, लेकिन वो जो तुम्हारी हार पार तुम्हें फिर से लड़ने का हौंसला दे, उस हाथ को कसकर थाम लेना । 'वो हौसला है जो तुम्हें हारने नहीं देगा'
MD SHAह ALAम

उम्मीद की चिठ्ठी

उम्मीद की चिठ्ठी

20 अगस्त, 2022

कुछ शाम, इंतज़ार से ज्यादा लंबी होंगीं कुछ एहसास, दर्द से भी गहरे होगें कुछ रिश्ते, तनहाई से बढ़कर दर्द देंगें कुछ अपने, परायों से ज्यादा दूर होंगें कुछ रास्ते कभी मंजिल को नहीं जायेंगें

मगर, इन सबसे गुज़रते हुए तुम खोना मत अपना हौसला, अपनी उम्मीद क्योंकि

दुस्वारियों में पाली हुई कहानियाँ अँधेरी रातों में आगे बढ़ी हुई कहानियाँ दस्तावेज़ हैं उन जीतों का जो मन की घर को झुठलाती हैं जीवन ज़िद्दी है - बतलाती हैं
MD SHAह ALAम

Friday, 12 August 2022

आपकी तब तक जहाँ में ज़िंदगी बाक़ी रहे

आपकी तब तक जहाँ में ज़िंदगी बाक़ी रहे
जब तलक़ सूरज में उसकी रौशनी बाक़ी रहे
आपके क़दमों तले आ जाये ये दुनिया तमाम
मैं दुआ करता हूँ फ़िर भी ! सादगी बाक़ी रहे
शाह आलम 

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चॉंद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है।
उसकी याद आई है सॉंसों ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है।
MD SHAह ALAम

Thursday, 11 August 2022

Tere ek raat ke milne

Tere ek raat ke milne ne puri zindagi ka ehsaas de Diya mujhe ..hotho se vo baat ho gyi jiska ehsaas nhi kya tha humne
MD SHAह ALAम